दिल्ली :- (अनीता गुलेरिया) देश के पूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली अठारह महीनों से गंभीर बीमारी के चलते दो सप्ताह से सांस लेने में हुई तकलीफ के चलते एम्स में भर्ती करवाया गया था । जहां उनकी सेहत लगातार अस्थिर चल रही थी । विशेषज्ञ-डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी । डॉक्टरों अनुसार अरुण जेटली की तबीयत कल देर रात अचानक बिगड़ गई थी, उनके पेट में संक्रमण फैल गया था,रात मे काफी देर तक कोशिश करने के बावजूद डॉक्टर नाकाम रहे । सुबह कई टेस्ट और हेवी डोज देने के बावजूद उनका शरीर किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहा था,आखिर दोपहर 12:07 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली । पिछले वर्ष अमेरिका में उनका किडनी-प्रत्यारोपण हुआ था, उसके बाद उनके बाएं पैर में सॉफ्ट-टिशु कैंसर हो गया था, 28 दिसंबर 1952 को जन्में 66 साल के अरुण जेटली ने अपनी इसी गंभीर-बीमारी के चलते 2019 लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा था,उनके निधन की खबर सुनते ही,अमित शाह ने हैदराबाद के दौरे को रद्द कर दिया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय विदेशी दौरे पर संयुक्त अरब-अमीरात (यूएई) में है । प्रधानमंत्री ने अरुण जेटली की पत्नी संगीता जेटली और राहुल शोक व्यक्त करते हुए कहा,उन्होंने अपने घनिष्ठ दोस्त को खो दिया है,पेशे से वकील रहे अरूण जेटली हमेशा अनुशासन को तवज्जो देने वाले, मुखर-नेता को उनके तार्किक-भाषणों के चलते उत्कृष्ट-राजनेता और स्पष्ट विचारशील-अभिव्यक्ति के कारण पहचाना जाता था । उनका निधन भाजपा के इलावा समस्त राजनीति-जगत के लिए एक अपूर्णीय-क्षति है, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शोक जताते हुए कहा जेटली में अपनी जिम्मेदारियों को निभाने की अद्भुत-क्षमता थी । मोदी की पिछली सरकार में वित-मंत्री पद पर रहते हुए उन्होने अपने कार्यभार को बखूबी निभाया । अरुण जेटली के पार्थिव-शरीर को एम्स से कैलाश-कॉलोनी स्थित उनके आवास पर ले जाने के बाद, उन्हें भाजपा-मुख्यालय में अंतिम-दर्शनार्थ हेतु रखने के बाद आज रविवार निगम-बोध घाट में उनका अंतिम-संस्कार किया जाएगा । भाजपा के इस वरिष्ठ नेता को भारत सरकार की राजनीति में अलग-अलग मंत्रालयों में विशेष तौर पर किए सराहनीय कार्यो के योगदान हेतु,हमेशा याद रखा जाएगा ।